What is Share Market in Hindi – शेयर मार्केट क्या है?
शेयर बाजार क्या होता है, शेयर मार्केट कैसे सीखे और शेयर मार्केट में पैसा कैसे लगाएं ?
ऐसे बहुत से सवाल हम सभी के दिमाग में घूमते रहते हैं और आज इस पोस्ट में मैं आपको शेयर मार्केट का गणित कैसे काम करता है समझाने की कोशिश करुँगी।
आज कल पैसे कमाने और उसकी बचत करने से ज्यादा ज़रूरी है उससे इन्वेस्ट करना।
हम पैसों का निवेश बहुत तरीकों से कर सकते हैं, पर दुनिंया में पैसे निवेश करने का सबसे बेहतर तरीका है शेयर बाजार जिसे हम स्टॉक मार्केट भी कहते हैं।
Share Bazaar या Stock Market क्या होता है?
Share bazaar या stock market एक ऐसी जगह होती है जहाँ कंपनियों के शेयर ख़रीदे जाते है या फिर बेचे जाते है ।
यह एक ऐसी जगह होती है जहाँ आप पैसे काम भी सकते है और गंवा भी सकते है।
आम भाषा में Share का मतलब होता है “हिस्सेदारी” और Share बाजार की भाषा में Share का मतलब है “कंपनी में हिस्सेदारी“।
उदाहरण के लिए अगर किसी कंपनी ने अपने 3 लाख share बाज़ार में निकले है और आपने 30 हज़ार शेयर खरीद लिए है तो आपकी “हिस्सेदारी” उस कंपनी में 10% की हो जाएगी।
आप अपनी सुविधा के अनुसार जब चाहे और जितने चाहे उतने शेयर बेच सकते हैं।
Share Market in Hindi दो प्रकार के होते हैं
1. Primary Stock Market
Primary Market में नए शेयर या bonds issue किये जाते हैं। इसलिए इस मार्केट को हम new issue Market भी कहते हैं।
Primary Market में companies निवेशकों को shares बेचती है जिससे निवेशकों से उन companies को पैसा या funds मिलते हैं और जिन निवेशकों ने उन companies में निवेश किया है वो उसमें हिस्सेदार बन जाते हैं।
Primary Market में सीधा companies और investors के बीच transaction होता हैं।
इस market में निवेशक जो पैसा निवेश करता हैं वह सीधा companies के पास जाता है और निवेशक को उस company के shares मिल जाते है।
और इस तरह निवेशक उस कंपनी का भागीदार बन जाता हैं।
Primary Market में शेयर्स का price कम्पनियाँ तय करती है।
Primary Market में आप shares सिर्फ खरीद सकते है आप उन्हें बेच नहीं सकते।
Primary Market में कम्पनियाँ अलग अलग तरीकों से पैसा जुटाती हैं। जैसे:
- IPO
- Private Placements
- Right Issues
इनमें सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण है IPO
Initial Public Offering – IPO
जब कोई company पहेली बार आपने shares बेचती है तो उसे आईपीओ यानि Initial Public offering कहते हैं।
इसमें प्राइमरी मार्किट आपने शेयर्स को अपने इन्वेस्टर्स को बेचती हैं।
और जब IPO की प्रक्रिया पूरी हो जाती है यानि निवेशकों को शेयर्स अलॉट होने के बाद शेयर्स stock exchange में list होने लगते हैं।
वहीं Private Placements में कंपनी निवेशकों को शेयर ना बेच कर कुछ चुनिंदा निवेशकों को shares बेचती है। जैसे:
- Mutual Funds
- insurance company
- Banks
- Ventures
- Capitalists
Right Issue में companies अपने मौजूदा शेयर धारकों को शेयर देकर funds उठाती हैं।
जैसे की कोई कंपनी 1:2 राइट इशू ला रही है तो इसका मतलब यह है की 2 शेयर के पीछे वो कंपनी एक एक्स्ट्रा शेयर खरीद सकती है।
Right Issue में शेयर के मूल्य Current market के मूल्य से काम होता है।
अगर आपको Primary Market में ख़रीदे हुए shares बेचने है तो आपको Secondary Market में बेचने होंगे।
2. Secondary Stock Market
Stock Exchange Secondary Market है जहाँ पर आप IPO में ख़रीदे हुए shares बेच सकते हैं।
यहाँ पर शेयर्स की जो ट्रेडिंग होती है उसमें companies की कोई भागीदारी नहीं होती।
इसमें पहले से ही issue हुए shares की ट्रेडिंग होती हैं।
इसमें निवेशकों के बीच ट्रांसक्शन होता है इनमें कम्पनियाँ शामिल नहीं होती।
स्टॉक एक्सचेंज क्या है – What is Stock Exchange?
stock exchange एक माध्यम है जो शेयर्स खरीदने और शेयर्स बेचने वालो को मिलता है।
जब हम शेयर मार्किट का नाम सुनते है तो हमारे सामने स्टॉक Exchange आ जाता है जो कि एक secondary market है।
India में शेयर बाज़ार के दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज काम करते हैं-
- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज – National Stock Exchange (NSE)
- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज – Bombay Stock Exchange (BSE)
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है – National Stock Exchange (NSE) in Hindi
- एनएसई या नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत का अग्रणी स्टॉक एक्सचेंज है।
- इक्विटी ट्रेडिंग वॉल्यूम के आधार पर यह दुनिया में चौथा सबसे बड़ा स्हैटॉक एक्सचेंज है।
- यह स्टॉक एक्सचेंज मुंबई में स्थित है।
- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना सन 1992 में हुई थी।
- यह भारत में पहला स्टॉक एक्सचेंज था जिसने शेयर ट्रेडिंग के लिए स्क्रीन आधारित प्रणाली (screen based system for trading) इस्तेमाल करा शुरू करा था।
- सरकार की मदद से एनएसई सफलतापूर्वक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को मिलाकर व्यापार, समाशोधन के साथ-साथ कर्ज और इक्विटी में निपटान जैसी सेवाएं प्रदान करता है ।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज – Bombay Stock Exchange (BSE) in Hindi
- बीएसई या बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज एशिया का पहला स्टॉक एक्सचेंज था।
- 6 माइक्रोसेकंड की ट्रेडिंग स्पीड के साथ बीएसई दुनिया का सबसे तेज स्टॉक एक्सचेंज है।
- प्रेमचंद रॉयचंद नाम के एक व्यक्ति ने 19वीं सदी में नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन की स्थापना की थी ।
- उस समय, यह एक बरगद के पेड़ के नीचे दलाल स्ट्रीट में कार्य करते थे-जहां व्यापारी एक साथ इकट्ठा करने के लिए खरीदने और बेचने के शेयरों को बेचते थे ।
- धीरे-धीरे नेटवर्क का विस्तार हुआ और 1875 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के नाम से एक्सचेंज की स्थापना हुई।
जब हम स्टॉक exchange यानि BSE (Bombay Stock Exchange) और NSE (National Stock Exchange) में शेयर्स खरीद या बेच रहे होते है तो हम Secondary Market में ट्रेड कर रहे होते है।
Secondary market में पैसे और शेयर्स दोनों निवेशकों के बीच exchange होते हैं।
Secondary market के लेन-देन में कंपनी शामिल नहीं होती है उदाहरण के तौर पर अगर आप किसी भी xyz बैंक के शेयर खरीद रहे हो तो आप किसी और निवेशक से xyz बैंक के शेयर खरीद रहे हो।
और आपने को शेयर खरीदने के लिए पैसे इन्वेस्ट किये है वो पैसे जिसने शेयर को बेचा है उसे मिलते है इस लेनदारी में xyz बैंक शामिल नहीं है।
Secondary market में निवेशकों के बीच लेनदारी होती है इसमें कंपनी की कोई भागीदारी नहीं होती।
Primary Market में जब हम पैसा निवेश करते है तो पैसा कंपनियों के पास जाता है जबकि secondary market में पैसा एक निवेशक से दूसरे निवेशक के पास जाता है।
Primary Market का मूल्य कंपनियाँ निर्धारित करती है और secondary market में शेयर का मूल्य डिमांड और सप्लाई पर निर्भर होता है।
शेयर मार्केट में पैसा कैसे लगाएं ?
आप अकसर यह सोचते होंगे की शेयर मार्केट में पैसा कैसे लगाएं ?
कोई भी शेयर खरीदने या बेचने के लिए आप प्रत्यक्ष रूप से बाजार में नहीं जा सकते।
उसके लिए आपको शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों के ही शेयर खरीदने होते है।
जिसके लिए आपको एक share ब्रोकर की जरूरत होती है।
Share Bazar में share ब्रोकर की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि वह ही इन्वेस्टर्स को share market तक पहुँचता हैं।
इन्वेस्टर जब भी किसी शेयर ब्रोकर पास जाता है तो आपको 2 एकाउंट्स खुलवाने होते है:
- Demat Account
- Trading Account
डीमैट अकाउंट – Demat Account in Hindi
अगर आप share Market में निवेश कर रहे है तो आपके पास Demat Account होना बहुत ही ज़रूरी है।
Demat Account में हमारे Shares के पैसे रखे जाते हैं जैसे हम किसी बैंक में account खुलवाते है और उसमें पैसे रखते है ठीक उसी तरह।
Demat Account हमारे बैंक अकॉउंट की ही तरह काम करता हैं।
Demat Account के द्वारा हम NSE और BSE के ही शेयर्स की ट्रेडिंग कर सकते हैं।
मुनाफा होने के बाद पैसे आपके demat account में जाते है।
demat अकाउंट से आप पैसा आपने सेविंग अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं, क्योकि यह आपके saving account के साथ लिंक होता हैं।
Demat Account खुलने के कुछ documents की जरूरत होती हैं। जो की निम्न हैं:
- पैन कार्ड (Pan Card)
- आपकी पासपोर्ट साइज़ की फोटो (Photo)
- आपके घर के पते का प्रमाण (Address Proof)
- पिछले 6 महीनों का बैंक स्टेटमेंट ( Bank Statement )
- रद्द किया गया चेक (Canceled Cheque)
यही आपने अपना KYC verification पहले से ही करा रक्खा है तो आपको उपरोक्त दिए हुए documents की ज़रुरत नहीं पड़ेगी।
ट्रेडिंग अकाउंट – Trading Account in Hindi
TRADING ACCOUNT हमारे Demat account के साथ ही लिंक होता हैं।
इसकी मदद से स्टॉक market में share खरीदने और बेचने के लिए STOCK BROKER को आर्डर दिया जाता हैं।
जब आर्डर पूरा हो जाता है तो ख़रीदे हुए शेयर्स हमारे Demat Account में जमा हो जाते हैं।
जितने मूल्य के हम shares खरीदते है, उस मूल्य से ब्रोकरेज और टैक्स काट कर पैसे trading account में जमा हो जाते हैं।
आज कल सभी ब्रोकर्स DEMAT और ट्रेडिंग अकाउंट एक साथ ही साथ खोल देते है,
शेयर मार्केट की धोखादड़ी से कैसे बचे ?
अगर आप शेयर मार्किट में निवेश करना कहते है तो आपको इस मार्किट के बारें में अधिक से अधिक जानकारी होनी चाहिए।
वो इसलिए क्योकि इसमें बहुत ज़ोखिम का स्तर बहुत बड़ा होता है।
आपको अपनी सूझ बूझ से और जोख़िम को देखते हुए ही निवेश करें।
इस मार्किट काफी धोखादड़ी भी होती है। बहुत सी धोका देने वाली कम्पनियाँ भी होती हैं।
और कई बार ऐसा भी होता है की आप बिना किसी company का background जाने बिना उस कंपनी के shares को खरीद कर अपने पैसे लगाते हैं और ऐसी companies आपके पैसे ले कर भाग जाती हैं।
और आपके निवेश किये हुए सरे पैसे डूब जाते जाते है। इसलिए उस कंपनी के बैकग्राउंड की डिटेल्स को अच्छे से ज़रूर चेक कर लें।
इसके लिए ज़रूरी है की आपको कम से कम राशि से निवेश की शुरआत करनी चाहिए।
शेयर बाजार में कम पैसे से निवेश कैसे करें?
बहुत से लोग यह सोचते है की शेयर मार्किट में निवेश करने के लिए बहुत से पैसे की ज़रूरत पढ़ती है। यह बिलकुल भी सच नहीं नहीं है।
आप सिर्फ 500 रुपये प्रति माह के साथ भी अपना निवेश शुरू कर सकते हैं।
अगर आप एक नियमित राशि के साथ हर महीने लगातार बिना किसी फ़ायदा नुक्सान को सोचे निवेश करने की आदत डाल लेंगे तो आपकी वित्तीय स्थिति भविष्य में काफी मजबूत हो सकती है।
निष्कर्ष – Conclusion
मैंने इस पोस्ट में आपको basic knowledge of share market in Hindi देने की कोशिश करी है।
मैं समय समय पर शेयर बाज़ार से जुड़ी और भी पोस्ट लिखूंगी और कोशिश करुँगी की Share market basics in Hindi जुडी हर जानकरी मैं आपको अपने ब्लॉग पर उपलब्ध करा सकूँ।
हालंकि शेयर मार्केट एक बहुत बड़ा टॉपिक है और यह एक दिन नहीं सीखा जा सकता है।
शेयर मार्केट का गणित सीखने और समझने का सबसे आसन तरीका ये है की आप रोज़ थोड़ी देर share market in Hindi news पढ़े या TV में देखे।
फिर भी अगर आपका कोई प्रश्न है या कोई ऐसा टॉपिक है जो आपको समझ में ना आया हो तो आप कमेंट सेक्शन में अपना सवाल पोस्ट कर सकते है।
मैं अतिशीघ्र आपको जवाब देने की कोशिश करुँगी ।
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Share bechne ke BAAD share khareedna necessary HOTA hai
उमेश जी, ऐसा बिलकुल भी ज़रूरी नहीं होता, शेयर बेचने के बाद खरीदना या शेयर मार्किट से शेयर खरीदने के बाद उसको बेचना ये आपकी मर्ज़ी है, ऐसा कोई नियम नहीं है
yes agar intraday me share pehle bechte ho to fir same day me wapas kharidna hota hai. is term ko short selling bolte hai
उमेश जी, शेयर्स खरीदना या बेचना आपके ऊपर निर्भर है, आप जब चाहे शेयर खरीद या बेच सकते हैं लेकिन Short Selling एक अलग concept है। मैं आपको सरल भाषा में समझने की कोशिश करती हूँ।
मान लीजिये की आप की फलों की दूकान है पर आपके पास स्टॉक में आम नहीं हैं तो आप अपने डीलर या ब्रोकर से 100 किलो आम उधार लेते हैं। आपका ब्रोकर या तो अपने गोदाम से आम आपको देगा या किसी और से लेकर आपको उधार देगा। फिर आपको एक तय समय सीमा के अंदर 100 किलो आम वापस खरीदकर उन्हें अपने ब्रोकर को लौटाना होगा जिसे “Cover” कहा जाता है। यदि इस बीच आम की कीमत गिरती है, तो आप कम कीमत पर स्टॉक वापस खरीद सकते हैं और आपको लाभ होगा। यदि आम की कीमत बढ़ जाती है, तो आपको इसे उच्च मूल्य पर वापस खरीदना होगा, और आप को नुक्सान होगा।
आएये अब इससे शेयर मार्किट की भाषा में समझे
Short Selling वास्तव में एक सरल concept है। जब आप कम स्टॉक बेचते हैं, तो आपका ब्रोकर इसे आपको उधार देगा। स्टॉक ब्रोकरेज की अपनी इन्वेंट्री से या फर्म के ग्राहकों में से किसी दूसरे से, या किसी अन्य ब्रोकरेज फर्म से स्टॉक आएगा। जल्दी या बाद में आपको उसी संख्या के शेयरों को वापस खरीदकर (जिसे “कवर” कहा जाता है) और उन्हें अपने ब्रोकर को लौटाकर स्टॉक बराबर करना होगा। यदि कीमत गिरती है, तो आप कम कीमत पर स्टॉक वापस खरीद सकते हैं और अंतर पर लाभ कमा सकते हैं। यदि स्टॉक की कीमत बढ़ जाती है, तो आपको इसे उच्च मूल्य पर वापस खरीदना होगा, और आप पैसे खो देते हैं।
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